सोयाबीन की खेती
सोयाबीन की खेती कैसे होती है
सोयाबीन की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी, जलवायु और तापमान
सोयाबीन की अच्छी पैदावार के लिए चिकनी दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है | हल्की रेतीली मिट्टी में इसकी खेती को नहीं करना चाहिए | इसकी खेती में भूमि उचित जल निकासी वाली होनी चाहिए, तथा भूमि का P.H. मान 7 के मध्य होना चाहिए |
उष्ण जलवायु को सोयाबीन की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है | सोयाबीन के पौधे गर्म और नम जलवायु में अधिक पैदावार देते है | इसकी खेती के लिए अधिक वर्षा की आवश्यकता नहीं होती है | सोयाबीन के पौधे सामान्य तापमान में अधिक उत्पादन देते है | इसके बीजो को अंकुरित होने के लिए 20 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है, तथा उच्च तापमान में इसके बीज अच्छे से पकते है |
सोयाबीन का बीज सबसे अच्छा
वर्तमान समय में सोयाबीन की कई उन्नत क़िस्मों को अलग-अलग स्थान पर अधिक पैदावार देने के लिए तैयार किया गया है, जो इस प्रकार है:-
क्रम संख्या | उन्नत क़िस्म | उत्पादन समय | उत्पादन की मात्रा |
1. | जे.एस. 93-05 | 95 दिन | 20 से 25 क्विंटल/हेक्टेयर |
2. | एन.आर.सी-7 | 100 दिन | 35 क्विंटल/हेक्टेयर |
3. | एन.आर.सी-12 | 90 दिन | 25 से 30 क्विंटल/हेक्टेयर |
4. | प्रतिष्ठा | 100 दिन | 20 से 30 क्विंटल/हेक्टेयर |
5. | जे.एस. 20-34 | 85 से 90 दिन | 22 से 25 क्विंटल/हेक्टेयर |
6. | एन.आर.सी-86 | 95 दिन | 25 क्विंटल/हेक्टेयर |
सोयाबीन के खेत की तैयारी और उवर्रक
सबसे पहले खेत की मिट्टी पलटने वाले हलो से गहरी जुताई कर दी जाती है | इससे खेत में मौजूद पुरानी फसल के अवशेष पूरी तरह से नष्ट हो जाते है | जुताई के बाद खेत को कुछ दिन के लिए ऐसे ही खुला छोड़ दे | खेत की पहली जुताई के बाद खेत में 20 से 25 गाड़ी पुरानी गोबर की खाद को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से देना होता है | इसके बाद खेत की दो से तीन तिरछी जुताई कर दी जाती है, इससे खेत की मिट्टी में गोबर की खाद अच्छे से मिल जाती है | गोबर की खाद को मिट्टी में मिलाने के पश्चात् उसमे पानी लगाकर पलेव कर दिया जाता है |
पलेव के पश्चात् जब खेत की मिट्टी सूख जाये, तब एक बार फिर से खेत की जुताई कर दे | इससे खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाएगी | मिट्टी के भुरभुरा होने के बाद उसमे पाटा लगाकर खेत को समतल कर दे | इससे खेत में जलभराव नहीं होगा | सोयाबीन की खेती में यदि आप रासायनिक खाद का इस्तेमाल करना चाहते है, तो उसके लिए आपको प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 40KG पोटाश, 60KG फास्फोरस, 20KG गंधक और 20KG नाइट्रोजन की मात्रा का छिड़काव खेत की आखरी जुताई के समय करना होता है |
सोयाबीन के बीजो की रोपाई का सही समय और तरीका
सोयाबीन के बीजो की रोपाई बीज के रूप में की जाती है | इसके बीजो की रोपाई के लिए एक हेक्टेयर के खेत में छोटे आकार वाले दाने तक़रीबन 70KG, मध्यम आकार के 80KG, तथा बड़े आकार वाले 100KG दानो की आवश्यकता होती है | सोयाबीन के बीजो की रोपाई समतल खेत में मशीन द्वारा की जाती है | इसके लिए खेत में 30CM की दूरी रखते हुए पंक्तियों को तैयार कर लिया जाता है, तथा बीजो को रोपाई 2 से 3CM की गहराई में की जाती है |
बीज रोपाई से पूर्व उन्हें केप्टान, थीरम, कार्बेन्डाजिम या थायोफेनेट मिथीईल की उचित मात्रा का मिश्रण बनाकर उपचारित कर लिया जाता है | इससे बीज अंकुरण के समय उन्हें रोग लगने का खतरा कम हो जाता है | सोयाबीन के बीजो की रोपाई के लिए जून और जुलाई का महीना उपयुक्त माना जाता है |

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें