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हरी मिर्च का अचार बनाने की विधि

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  हरी मिर्च का राई का अचार खाने के साथ अचार खाने से मूंह का स्वाद खुल जाता है और तीखा खाने वाले हरी मिर्च के अचार को बहुत पसन्द करते हैं, आज हम हरी मिर्च का राई वाला अचार (Mustard Chilli Pickle recipe) बना रहे हैं. आवश्यक सामग्री - Ingredients for Green Chilli Pickle in Mustard हरी मिर्च अचार वाली - 250 ग्राम राई या काली सरसों - 4 टेबल स्पून नमक -  3 छोटी चम्मच जीरा - एक छोटी चम्मच सोंफ - 1 छोटी चम्मच मैथी - एक छोटी चम्मच हींग - 1/4 छोटी चम्मच से कम हल्दी पाउडर - एक छोटी चम्मच गरम मसाला - आधा छोटी चम्मच नीबू का रस या सिरका - 2 (2 टेबल स्पून रस) तेल - 4 टेबल स्पून विधि - How to make Green Chilli Pickle in Mustard इस अचार को हम 2 तरीके से बनायेंगे मिर्च को भर कर (Mustard Green Chilli Stuffed Pickle) मिर्च को छोटा छोटा काट कर . (Green Chilli Pickle in small pieces) हरी मिर्च अचार के लिये पकी हुई प्रयोग में लेते हैं. हरी मिर्च को अच्छी तरह धो लीजिये, सुखाइये, डंठल तोड़िये और साफ कपड़े से पोंछ कर इस तरह ऊपर से नीचे तक चीरा लगाइये कि मिर्च एक तरह पूरी तरह जुड़ी रहे. जीरा, मैथी, सोंफ और सरसों

गन्ने की खेती से कमाए लाखों

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  गन्ना ,   भारत   की महत्वपूर्ण वाणिज्यिक फसलों में से एक है और इस‌का नकदी फसल के रूप में एक प्रमुख स्थान है।   चीनी   का मुख्य स्रोत गन्ना है। भारत दुनिया में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। गन्ने की खेती बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देती है और विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत में गन्ने की खेती गन्ने की प्रमुख किस्में संपादित करें गन्ने की प्रमुख किस्में निम्नानुसार हैं- अनुमोदित किस्में शीघ्र (9 से 10 माह) में पकने वाली वाली –  को. 7314 (उपज प्रति एकड़ – 320-360 क्विं.), को. 64 (उपज प्रति एकड़ – 320-360 क्विं.) को.सी. 671 (उपज प्रति एकड़ – 320-360 क्विं.) मध्य से देर से (12-14 माह) में पकने वाली –  को. 6304 (उपज प्रति एकड़ – 380-400 क्विं.), को.7318 (उपज प्रति एकड़ – 400-440 क्विं.), को. 6217 (उपज प्रति एकड़ – 360-400 क्विं.) गन्ने का एक खेत नई उन्नत किस्में शीघ्र (9 -10 माह ) में पकने वाली –  को. 8209 (उपज प्रति एकड़ -360-400 क्विं.), को. 7704 (उपज प्रति एकड़ -320-360 क्विं.), को. 87008 (उपज प्रति एकड़ -320-360 क्विं.), को. 87010 (उपज प

अदरक की पैदावार से करे बंपर कमाई

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  सामान्य परिचय 'अदरक‘ शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के स्ट्रिंगावेरा से हुई, जिसका अर्थ होता है, एक ऐसा  सींग या बारहा सिंधा के जैसा शरीर ।अदरक मुख्य रूप से उष्ण क्षेत्र  की फसल है । संभवत: इसकी उत्पत्ति दक्षिणी और पूर्व एशिया में भारत या चीन में हुई । भारत की अन्य भाषाओं में अदरक को विभिन्न नामो से जाना जाता है जैसे- आदू (गुजराती), अले (मराठी), आदा (बंगाली), इल्लाम (तमिल), आल्लायु (तेलगू), अल्ला (कन्नड.) तथा अदरक (हिन्दी, पंजाबी) आदि । अदरक का प्रयोग प्रचीन काल से ही मसाले, ताजी सब्जी और औषधी के रूप मे चला आ रहा है । अब अदरक का प्रयोग सजावटी पौधों के रूप में भी उपयोग किया जाने लगा है । अदरक के कन्द विभिन्न रंग के होते हैं । जमाइका की अदरक का रंग हल्का गुलाबी, अफ्रीकन अदरक (हल्की हरी) होती है । वानस्पातिक परिचय अदरक (Ginger) का वानस्पतिक नाम जिनजिबेर ओफिसिनेल (Zingiber officinale) है  जो  जनजीबेरेसी (Zingiberace)परिवार से सम्बंध रखती है । अदरक की करीब 150 प्रजातियाँ उष्ण- एवॅ उप उष्ण एशिया और पूर्व एशिया तक पाई जाती हैं । जिनजीबेरेसी परिवार का महत्व इसलिऐ अधिक है क्योंकि इसको “मसा