ऎतिहासिक भारतीय स्थल

 

भारत के ऐतिहासिक स्थल

भारत एक समृद्ध ऐतिहासिक भूमि है। भारत के हर कोने में एक इतिहास छुपा है जो ना केवल भारत की संप्रभुता एवं अंखडता का प्रतिक है बल्कि भारत की संस्कृति की जीवंत उदाहरण है। भारत में कई ऐसी ऐतिहासिक चीजें उपलब्ध है जो भारत के गौरवमयी इतिहास को प्रदर्शित करती है। भारत एक ऐसा देश है जहां आदि काल से लेकर मध्य काल एवं वर्तमान काल तक के साक्ष्य मौजूद हैं। यहां प्राचीन भारत की सभ्यता को प्रदर्शित करती हड़प्पा कालीन संस्कृति के भी प्रमाण है और धार्मिक परंपराओं को दिखलाते सांची के स्तूप भी स्थित है। यहां मध्य कालीन भारत से जुड़े अनेकों स्थल है फिर चाहें वह दिल्ली का कुतुबमीनार, हुमायु तुंब एवं लालकिला हो या आगरा का ताजमहल, अंजता की प्राचीन गुफाओं से लेकर वर्तमान के इंडिया गेट तक ऐसी कई प्राचीन और नवीनतम ऐतिहासिक इमारतें, झरने, मंदिर एवं गुफाएं भारत में स्थित हैं जो भारत को एक अतुल्य भारत का दर्जा प्रदान करती हैं। भारत भ्रमण करने के लिए एवं भारत को और करीब से जानने के लिए आप इन स्थलों का दौरा अवश्य करें जो ना केवल आपकों भारत के समृद्ध इतिहास की जानकारी देगा बल्कि आपकों भारत की एक ऐसी यात्रा पर ले चलेगा जहां आपकों स्वंय का जानने का मौका मिलेगा। 
भारत के राज्यों के ऐतिहासिक स्थलभारत का प्रत्येक राज्य अपनी विशिष्ट संस्कृति और जीवंत परंपराओं, जनजातियों, भाषाओं और ऐतिहासिक अतीत के साथ अनेकों तारों में ध्रुव तारें के समान चमकता है। भारत के हर राज्य का अपना ही अतीत, अपना ही इतिहास है जो उसे अपने आप में बहुत खास बनाता है। आइए हम भारत के विभिन्न राज्यों में ऐतिहासिक स्थानों के बारे में और जानें।
आंध्र प्रदेश: विजयवाड़ा, कुर्नूल, नेल्लोर, गुंटूर, कदप्पा
असम: जोरहाट
बिहार: बक्सर, पटना, सीवान, पूर्वी चंपारण
छत्तीसगढ़: भिलाई
गुजरात: राजकोट, भरूच, गांधीधाम, आनंद, वापी, उदवाड़ा
हरियाणा: करनाल, सोनीपत, पानीपत
हिमाचल प्रदेश: सोलन
जम्मू-कश्मीर: कारगिल, लेह
झारखंड: जमशेदपुर, बोकारो, हजारीबाग, कोडरमा
कर्नाटक: होस्पेट, बीजापुर, गुलबर्ग, बेलगाम, बिदर, कोझिकोड
मध्य प्रदेश: ग्वालियर, रतलाम, सागर, इंदौर, छतरपुर, भिंड
महाराष्ट्र: चंद्रपुर, एलोरा, पुणे, वर्धा, अलीबाग, रत्नागिरी
मणिपुर: इम्फाल
नागालैंड: कोहिमा
उड़ीसा: राउरकेला
पंजाब: कपूरथाला, अमृतसर, फिरोजपुर, रणथंभौर
पुदुच्चेरी: यानम पुदुच्चेरी
राजस्थान: मांडवा, भरतपुर, उदयपुर, कोटा, श्रीगंगानगर
तेलंगाना: करीमनगर, हैदराबाद, वारंगल

भारत के इन सर्वश्रेष्ठ ऐतिहासिक स्थानों पर आपको अवश्य जाना चाहिए

भारतीय इतिहास इतना समृद्ध है कि देश के हर हिस्से में आपको एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक स्थल, प्राचीन किले और भव्य महल दिख जाएंगे। इन ऐतिहासिक स्थलों के पीछे प्यार, वीरता, ताकत और युद्ध की प्रसिद्ध कहानियां छिपी है। हम आपको बता रहे हैं देश के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल और उनसे जुड़ी कहानियों के बारे में..

नई दिल्ली - भारत की राजधानी

भारत के ऐतिहासिक स्थल
भारत की राजधानी दिल्ली ना केवल भारत की वर्तमान राजधानी है बल्कि दिल्ली ऐतिहासिक नगरों की भी राजधानी है। दिल्ली में इतिहास से जुड़े कई ऐसे पात्र, ऐसे स्थल है जो भारत के साथ-साथ दिल्ली के भी समृद्ध इतिहास को प्रदर्शित करते हैं। भारत की राजधानी में पुरानी और नई दिल्ली का संगम आपको इतिहास के साथ-साथ वर्तमान से भी अवगत कराएगा। पुरानी दिल्ली का क्षेत्र जहां आपको दिल्ली की प्राचीन संस्कृति एवं सभ्यता के साथ-साथ खान-पान का अनुभव कराएगा। वहीं नई दिल्ली का क्षेत्र आपकों भारत और दिल्ली के आधुनिकरण से रुबरु कराएगा। तो चलिए चलते हैं दिल्ली के इस सफर पर।  दिल्ली में आपका सफर सबसे पहले इंडिया गेट से शुरु करते हैं। जो आपको दिल्ली की उन प्राचीन इमारतों का उदारहरण पेश करेगा जिसमें एक विस्तृत इतिहास छुपा बैठा है। इंडिया गेट आधुनिक भारत की वो विरासत है जो आपकों उन शहीदों की शहादत की याद दिलाएगी जो विश्व युद्ध के समय शहीद हो गए थे। इंडिया गेट की दीवारों पर विश्व युद्ध एवं अफगान युद्ध के समय शहीद हुए शहीदों के नाम लिखे दिखेंगे।

इसके साथ ही दिल्ली में आपको संसद भवन, राष्ट्रपति भवन (जो यूरोपीय, मुगल और भारतीय शैली से निर्मित है) देखने को मिलेगा। 15वीं और 16वीं शताब्दी के स्मारकों के साथ कनॉट प्लेस और लोदी गार्डन से आपको प्यार हो जाएगा।

इसके अलावा दिल्ली में आपको मुस्लिम एवं मुगल शासकों के साम्राज्य के प्रतिक ऐतिहासिक स्थल देखने को मिलगें। कुतुब मीनार को उत्तर भारत में पहले मुस्लिम साम्राज्य के स्थल के रूप में जाना जाता है और यह उस जमाने की मुस्लिम वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है जिसका निर्माण सैंडस्टोन यानी बलुआ पत्थर से किया गया था। इस मीनार में कुरान से ली गई कई आयतें भी उकेरी गई हैं जो मुख्य रूप से अरबी भाषा में है। भारत के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक के नाम पर इस मीनार का नाम कुतुब मीनार पड़ा। वहीं दूसरी ओर
जब मुगल शासक शाहजहां ने अपनी राजधानी आगरा से दिल्ली स्थापित की तब उन्होंने लाल किले का निर्माण करवाया जिसे बनने में करीब 10 साल का वक्त लगा। 1638 से 1648 के बीच लाल किले का निर्माण हुआ और उस वक्त उसका नाम किला-ए-मुबारक था। भारतीय और ईरानी वास्तुकला का बेहतरीन संकलन दिखता है हुमांयू के मकबरे में जो भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। हुमांयू की बीवी हमीदा बानू बेगम ने 15वीं शताब्दी में अपने पति के लिए इस मकबरे का निर्माण करवाया था। इस जगह की सबसे खास बात यह है कि यहां आपको हुमांयू के मकबरे के अलावा बेहद खूबसूरत गार्डन भी देखने को मिलेगा।

यही नहीं दिल्ली में आपको खरीदारी और खान पान के लिहाज़ से भी काफी कुछ देखने और खाने को मिलेगा जिसमें सर्वप्रमुख पुरानी दिल्ली स्थित चांदनी चौक है जो ना केवल खरीदारी के लिहाज से दिल्ली की सबसे बड़ी मार्किट है बल्कि यहां खान-पान के भी एक से बढ़कर एक मुंह में पानी लाने वाले व्यजंन आपकों मिलेंगे। जंतर मंतर, निजामुद्दीन दरगाह, सफदरजंग का मकबरा, तुगलकाबाद का किला एवं पुराना किला इत्यादि दिल्ली के कई ऐतिहासिक स्थल है जो आपकों प्राचीन भारत के समृद्ध इतिहास से रुबरु कराएगें।

धार्मिक स्थल

भारत के ऐतिहासिक स्थल
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भारत के ऐतिहासिक स्थल

भारत एक समृद्ध ऐतिहासिक भूमि है। भारत के हर कोने में एक इतिहास छुपा है जो ना केवल भारत की संप्रभुता एवं अंखडता का प्रतिक है बल्कि भारत की संस्कृति की जीवंत उदाहरण है। भारत में कई ऐसी ऐतिहासिक चीजें उपलब्ध है जो भारत के गौरवमयी इतिहास को प्रदर्शित करती है। भारत एक ऐसा देश है जहां आदि काल से लेकर मध्य काल एवं वर्तमान काल तक के साक्ष्य मौजूद हैं। यहां प्राचीन भारत की सभ्यता को प्रदर्शित करती हड़प्पा कालीन संस्कृति के भी प्रमाण है और धार्मिक परंपराओं को दिखलाते सांची के स्तूप भी स्थित है। यहां मध्य कालीन भारत से जुड़े अनेकों स्थल है फिर चाहें वह दिल्ली का कुतुबमीनार, हुमायु तुंब एवं लालकिला हो या आगरा का ताजमहल, अंजता की प्राचीन गुफाओं से लेकर वर्तमान के इंडिया गेट तक ऐसी कई प्राचीन और नवीनतम ऐतिहासिक इमारतें, झरने, मंदिर एवं गुफाएं भारत में स्थित हैं जो भारत को एक अतुल्य भारत का दर्जा प्रदान करती हैं। भारत भ्रमण करने के लिए एवं भारत को और करीब से जानने के लिए आप इन स्थलों का दौरा अवश्य करें जो ना केवल आपकों भारत के समृद्ध इतिहास की जानकारी देगा बल्कि आपकों भारत की एक ऐसी यात्रा पर ले चलेगा जहां आपकों स्वंय का जानने का मौका मिलेगा। 

भारत के ऐतिहासिक स्थल

भारत के राज्यों के ऐतिहासिक स्थल

भारत का प्रत्येक राज्य अपनी विशिष्ट संस्कृति और जीवंत परंपराओं, जनजातियों, भाषाओं और ऐतिहासिक अतीत के साथ अनेकों तारों में ध्रुव तारें के समान चमकता है। भारत के हर राज्य का अपना ही अतीत, अपना ही इतिहास है जो उसे अपने आप में बहुत खास बनाता है। आइए हम भारत के विभिन्न राज्यों में ऐतिहासिक स्थानों के बारे में और जानें।
आंध्र प्रदेश: विजयवाड़ा, कुर्नूल, नेल्लोर, गुंटूर, कदप्पा
असम: जोरहाट
बिहार: बक्सर, पटना, सीवान, पूर्वी चंपारण
छत्तीसगढ़: भिलाई
गुजरात: राजकोट, भरूच, गांधीधाम, आनंद, वापी, उदवाड़ा
हरियाणा: करनाल, सोनीपत, पानीपत
हिमाचल प्रदेश: सोलन
जम्मू-कश्मीर: कारगिल, लेह
झारखंड: जमशेदपुर, बोकारो, हजारीबाग, कोडरमा
कर्नाटक: होस्पेट, बीजापुर, गुलबर्ग, बेलगाम, बिदर, कोझिकोड
मध्य प्रदेश: ग्वालियर, रतलाम, सागर, इंदौर, छतरपुर, भिंड
महाराष्ट्र: चंद्रपुर, एलोरा, पुणे, वर्धा, अलीबाग, रत्नागिरी
मणिपुर: इम्फाल
नागालैंड: कोहिमा
उड़ीसा: राउरकेला
पंजाब: कपूरथाला, अमृतसर, फिरोजपुर, रणथंभौर
पुदुच्चेरी: यानम पुदुच्चेरी
राजस्थान: मांडवा, भरतपुर, उदयपुर, कोटा, श्रीगंगानगर
तेलंगाना: करीमनगर, हैदराबाद, वारंगल

भारत के इन सर्वश्रेष्ठ ऐतिहासिक स्थानों पर आपको अवश्य जाना चाहिए

भारतीय इतिहास इतना समृद्ध है कि देश के हर हिस्से में आपको एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक स्थल, प्राचीन किले और भव्य महल दिख जाएंगे। इन ऐतिहासिक स्थलों के पीछे प्यार, वीरता, ताकत और युद्ध की प्रसिद्ध कहानियां छिपी है। हम आपको बता रहे हैं देश के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल और उनसे जुड़ी कहानियों के बारे में..

नई दिल्ली - भारत की राजधानी

भारत के ऐतिहासिक स्थल

भारत की राजधानी दिल्ली ना केवल भारत की वर्तमान राजधानी है बल्कि दिल्ली ऐतिहासिक नगरों की भी राजधानी है। दिल्ली में इतिहास से जुड़े कई ऐसे पात्र, ऐसे स्थल है जो भारत के साथ-साथ दिल्ली के भी समृद्ध इतिहास को प्रदर्शित करते हैं। भारत की राजधानी में पुरानी और नई दिल्ली का संगम आपको इतिहास के साथ-साथ वर्तमान से भी अवगत कराएगा। पुरानी दिल्ली का क्षेत्र जहां आपको दिल्ली की प्राचीन संस्कृति एवं सभ्यता के साथ-साथ खान-पान का अनुभव कराएगा। वहीं नई दिल्ली का क्षेत्र आपकों भारत और दिल्ली के आधुनिकरण से रुबरु कराएगा। तो चलिए चलते हैं दिल्ली के इस सफर पर।  दिल्ली में आपका सफर सबसे पहले इंडिया गेट से शुरु करते हैं। जो आपको दिल्ली की उन प्राचीन इमारतों का उदारहरण पेश करेगा जिसमें एक विस्तृत इतिहास छुपा बैठा है। इंडिया गेट आधुनिक भारत की वो विरासत है जो आपकों उन शहीदों की शहादत की याद दिलाएगी जो विश्व युद्ध के समय शहीद हो गए थे। इंडिया गेट की दीवारों पर विश्व युद्ध एवं अफगान युद्ध के समय शहीद हुए शहीदों के नाम लिखे दिखेंगे।

इसके साथ ही दिल्ली में आपको संसद भवन, राष्ट्रपति भवन (जो यूरोपीय, मुगल और भारतीय शैली से निर्मित है) देखने को मिलेगा। 15वीं और 16वीं शताब्दी के स्मारकों के साथ कनॉट प्लेस और लोदी गार्डन से आपको प्यार हो जाएगा।

इसके अलावा दिल्ली में आपको मुस्लिम एवं मुगल शासकों के साम्राज्य के प्रतिक ऐतिहासिक स्थल देखने को मिलगें। कुतुब मीनार को उत्तर भारत में पहले मुस्लिम साम्राज्य के स्थल के रूप में जाना जाता है और यह उस जमाने की मुस्लिम वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है जिसका निर्माण सैंडस्टोन यानी बलुआ पत्थर से किया गया था। इस मीनार में कुरान से ली गई कई आयतें भी उकेरी गई हैं जो मुख्य रूप से अरबी भाषा में है। भारत के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक के नाम पर इस मीनार का नाम कुतुब मीनार पड़ा। वहीं दूसरी ओर
जब मुगल शासक शाहजहां ने अपनी राजधानी आगरा से दिल्ली स्थापित की तब उन्होंने लाल किले का निर्माण करवाया जिसे बनने में करीब 10 साल का वक्त लगा। 1638 से 1648 के बीच लाल किले का निर्माण हुआ और उस वक्त उसका नाम किला-ए-मुबारक था। भारतीय और ईरानी वास्तुकला का बेहतरीन संकलन दिखता है हुमांयू के मकबरे में जो भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। हुमांयू की बीवी हमीदा बानू बेगम ने 15वीं शताब्दी में अपने पति के लिए इस मकबरे का निर्माण करवाया था। इस जगह की सबसे खास बात यह है कि यहां आपको हुमांयू के मकबरे के अलावा बेहद खूबसूरत गार्डन भी देखने को मिलेगा।

यही नहीं दिल्ली में आपको खरीदारी और खान पान के लिहाज़ से भी काफी कुछ देखने और खाने को मिलेगा जिसमें सर्वप्रमुख पुरानी दिल्ली स्थित चांदनी चौक है जो ना केवल खरीदारी के लिहाज से दिल्ली की सबसे बड़ी मार्किट है बल्कि यहां खान-पान के भी एक से बढ़कर एक मुंह में पानी लाने वाले व्यजंन आपकों मिलेंगे। जंतर मंतर, निजामुद्दीन दरगाह, सफदरजंग का मकबरा, तुगलकाबाद का किला एवं पुराना किला इत्यादि दिल्ली के कई ऐतिहासिक स्थल है जो आपकों प्राचीन भारत के समृद्ध इतिहास से रुबरु कराएगें।

धार्मिक स्थल

भारत के ऐतिहासिक स्थल

दिल्ली मे केवल ऐतिहासिक स्थल ही नहीं बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी बहुत कुछ खास है। यहां कई धार्मिक स्थल है जो प्राचीन भारत और दिल्ली का प्रमाण प्रस्तुत करते हैं। कुछ प्राचीन धार्मिक स्थान ऐसे है जिनके लिए आपको अवश्य समय निकालना होगा। इनमें वाइसराय चर्च, जिसे कैथेड्रल चर्च ऑफ रिडेम्प्शन कहते हैं, गुरुद्वारा बंगला साहेब, जामा मस्जिद, सेंट जेम्स चर्च (भारत के सबसे पुराने चर्चों में से एक), कालकाजी मंदिर, कमल मंदिर इत्यादि कई ऐसे प्रमुख ऐतिहासिक स्थल हैं जो आपको शांति प्रदान करेंगें।

दिल्ली में ना केवल आपकों इतिहास से जुड़े त्तव मिलेगें बल्कि आधुनिकता का एक प्रचम लहराता दिखेगा। दिल्ली के आधुनिक रुप को प्रदर्शित करते कई बड़े मॉल और मेट्रो है जो आपकों एक अलग ही अनुभव प्रदान करेंगें। दिल्ली में एक ओर, आप लाल किले और पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक बाजार में इतिहास का अनुभव कर सकते हैं, जबकि दूसरी तरफ, आपके पास मॉल और मेट्रो रेल जैसी आधुनिक उपलब्धियां का अनुभव करने का एहसास होगा। दिल्ली की हर जगह आपकों एक नया आनंददायक अनुभव कराएगी।


महाराष्ट्र का औरंगाबाद

भारत के ऐतिहासिक स्थल

महाराष्ट्र का ऐतिहासिक शहर औरंगाबाद अपने आप में ख़ास है। औरंगाबाद शहर आपको अजंता और एलोरा जैसी प्राचीन गुफाओं का दौरा करा आजीवन आनंद का अनुभव देगा। औरंगाबाद आपकों 2000 साल पहले की प्राचीनतम संस्कृति और सभ्यता से रुबरु कराएगा। यहां की 2 हजार साल पुरानी इमारते जो एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की देखभाल में आती है आपकों एक अलग ही दुनिया में ले जाएगीं। प्राचीन में औरंगाबाद शहर फतेहपुर के नाम से जाना जाता था क्योंकि इस शहर का नाम मलिक अम्बर के बेटे फतेहखान ने रखा था। जब इस शहर पर औरंगज़ेब ने विजय पाई तो इसका नाम औरंगाबाद रख दिया। इस शहर का इतिहास बड़ा ही दिलचस्प है। अगर इस शहर के इतिहास के बारे में आप जानना चाहते हैं तो यहाँ ज़रूर आएं। पहाड़ियों से घिरे औंगाबाद शहर का अपना अलग ही ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि जितनी खूबसूरत यहाँ की इमारतें हैं उतना ही दिलचस्प इसका इतिहास है। तो चलिए आपको औरंगाबाद महाराष्ट्र की सैर कराते हैं।

अजंता

भारत के ऐतिहासिक स्थल
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भारत के ऐतिहासिक स्थल

भारत एक समृद्ध ऐतिहासिक भूमि है। भारत के हर कोने में एक इतिहास छुपा है जो ना केवल भारत की संप्रभुता एवं अंखडता का प्रतिक है बल्कि भारत की संस्कृति की जीवंत उदाहरण है। भारत में कई ऐसी ऐतिहासिक चीजें उपलब्ध है जो भारत के गौरवमयी इतिहास को प्रदर्शित करती है। भारत एक ऐसा देश है जहां आदि काल से लेकर मध्य काल एवं वर्तमान काल तक के साक्ष्य मौजूद हैं। यहां प्राचीन भारत की सभ्यता को प्रदर्शित करती हड़प्पा कालीन संस्कृति के भी प्रमाण है और धार्मिक परंपराओं को दिखलाते सांची के स्तूप भी स्थित है। यहां मध्य कालीन भारत से जुड़े अनेकों स्थल है फिर चाहें वह दिल्ली का कुतुबमीनार, हुमायु तुंब एवं लालकिला हो या आगरा का ताजमहल, अंजता की प्राचीन गुफाओं से लेकर वर्तमान के इंडिया गेट तक ऐसी कई प्राचीन और नवीनतम ऐतिहासिक इमारतें, झरने, मंदिर एवं गुफाएं भारत में स्थित हैं जो भारत को एक अतुल्य भारत का दर्जा प्रदान करती हैं। भारत भ्रमण करने के लिए एवं भारत को और करीब से जानने के लिए आप इन स्थलों का दौरा अवश्य करें जो ना केवल आपकों भारत के समृद्ध इतिहास की जानकारी देगा बल्कि आपकों भारत की एक ऐसी यात्रा पर ले चलेगा जहां आपकों स्वंय का जानने का मौका मिलेगा। 

भारत के ऐतिहासिक स्थल

भारत के राज्यों के ऐतिहासिक स्थल

भारत का प्रत्येक राज्य अपनी विशिष्ट संस्कृति और जीवंत परंपराओं, जनजातियों, भाषाओं और ऐतिहासिक अतीत के साथ अनेकों तारों में ध्रुव तारें के समान चमकता है। भारत के हर राज्य का अपना ही अतीत, अपना ही इतिहास है जो उसे अपने आप में बहुत खास बनाता है। आइए हम भारत के विभिन्न राज्यों में ऐतिहासिक स्थानों के बारे में और जानें।
आंध्र प्रदेश: विजयवाड़ा, कुर्नूल, नेल्लोर, गुंटूर, कदप्पा
असम: जोरहाट
बिहार: बक्सर, पटना, सीवान, पूर्वी चंपारण
छत्तीसगढ़: भिलाई
गुजरात: राजकोट, भरूच, गांधीधाम, आनंद, वापी, उदवाड़ा
हरियाणा: करनाल, सोनीपत, पानीपत
हिमाचल प्रदेश: सोलन
जम्मू-कश्मीर: कारगिल, लेह
झारखंड: जमशेदपुर, बोकारो, हजारीबाग, कोडरमा
कर्नाटक: होस्पेट, बीजापुर, गुलबर्ग, बेलगाम, बिदर, कोझिकोड
मध्य प्रदेश: ग्वालियर, रतलाम, सागर, इंदौर, छतरपुर, भिंड
महाराष्ट्र: चंद्रपुर, एलोरा, पुणे, वर्धा, अलीबाग, रत्नागिरी
मणिपुर: इम्फाल
नागालैंड: कोहिमा
उड़ीसा: राउरकेला
पंजाब: कपूरथाला, अमृतसर, फिरोजपुर, रणथंभौर
पुदुच्चेरी: यानम पुदुच्चेरी
राजस्थान: मांडवा, भरतपुर, उदयपुर, कोटा, श्रीगंगानगर
तेलंगाना: करीमनगर, हैदराबाद, वारंगल

भारत के इन सर्वश्रेष्ठ ऐतिहासिक स्थानों पर आपको अवश्य जाना चाहिए

भारतीय इतिहास इतना समृद्ध है कि देश के हर हिस्से में आपको एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक स्थल, प्राचीन किले और भव्य महल दिख जाएंगे। इन ऐतिहासिक स्थलों के पीछे प्यार, वीरता, ताकत और युद्ध की प्रसिद्ध कहानियां छिपी है। हम आपको बता रहे हैं देश के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल और उनसे जुड़ी कहानियों के बारे में..

नई दिल्ली - भारत की राजधानी

भारत के ऐतिहासिक स्थल

भारत की राजधानी दिल्ली ना केवल भारत की वर्तमान राजधानी है बल्कि दिल्ली ऐतिहासिक नगरों की भी राजधानी है। दिल्ली में इतिहास से जुड़े कई ऐसे पात्र, ऐसे स्थल है जो भारत के साथ-साथ दिल्ली के भी समृद्ध इतिहास को प्रदर्शित करते हैं। भारत की राजधानी में पुरानी और नई दिल्ली का संगम आपको इतिहास के साथ-साथ वर्तमान से भी अवगत कराएगा। पुरानी दिल्ली का क्षेत्र जहां आपको दिल्ली की प्राचीन संस्कृति एवं सभ्यता के साथ-साथ खान-पान का अनुभव कराएगा। वहीं नई दिल्ली का क्षेत्र आपकों भारत और दिल्ली के आधुनिकरण से रुबरु कराएगा। तो चलिए चलते हैं दिल्ली के इस सफर पर।  दिल्ली में आपका सफर सबसे पहले इंडिया गेट से शुरु करते हैं। जो आपको दिल्ली की उन प्राचीन इमारतों का उदारहरण पेश करेगा जिसमें एक विस्तृत इतिहास छुपा बैठा है। इंडिया गेट आधुनिक भारत की वो विरासत है जो आपकों उन शहीदों की शहादत की याद दिलाएगी जो विश्व युद्ध के समय शहीद हो गए थे। इंडिया गेट की दीवारों पर विश्व युद्ध एवं अफगान युद्ध के समय शहीद हुए शहीदों के नाम लिखे दिखेंगे।

इसके साथ ही दिल्ली में आपको संसद भवन, राष्ट्रपति भवन (जो यूरोपीय, मुगल और भारतीय शैली से निर्मित है) देखने को मिलेगा। 15वीं और 16वीं शताब्दी के स्मारकों के साथ कनॉट प्लेस और लोदी गार्डन से आपको प्यार हो जाएगा।

इसके अलावा दिल्ली में आपको मुस्लिम एवं मुगल शासकों के साम्राज्य के प्रतिक ऐतिहासिक स्थल देखने को मिलगें। कुतुब मीनार को उत्तर भारत में पहले मुस्लिम साम्राज्य के स्थल के रूप में जाना जाता है और यह उस जमाने की मुस्लिम वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है जिसका निर्माण सैंडस्टोन यानी बलुआ पत्थर से किया गया था। इस मीनार में कुरान से ली गई कई आयतें भी उकेरी गई हैं जो मुख्य रूप से अरबी भाषा में है। भारत के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक के नाम पर इस मीनार का नाम कुतुब मीनार पड़ा। वहीं दूसरी ओर
जब मुगल शासक शाहजहां ने अपनी राजधानी आगरा से दिल्ली स्थापित की तब उन्होंने लाल किले का निर्माण करवाया जिसे बनने में करीब 10 साल का वक्त लगा। 1638 से 1648 के बीच लाल किले का निर्माण हुआ और उस वक्त उसका नाम किला-ए-मुबारक था। भारतीय और ईरानी वास्तुकला का बेहतरीन संकलन दिखता है हुमांयू के मकबरे में जो भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। हुमांयू की बीवी हमीदा बानू बेगम ने 15वीं शताब्दी में अपने पति के लिए इस मकबरे का निर्माण करवाया था। इस जगह की सबसे खास बात यह है कि यहां आपको हुमांयू के मकबरे के अलावा बेहद खूबसूरत गार्डन भी देखने को मिलेगा।

यही नहीं दिल्ली में आपको खरीदारी और खान पान के लिहाज़ से भी काफी कुछ देखने और खाने को मिलेगा जिसमें सर्वप्रमुख पुरानी दिल्ली स्थित चांदनी चौक है जो ना केवल खरीदारी के लिहाज से दिल्ली की सबसे बड़ी मार्किट है बल्कि यहां खान-पान के भी एक से बढ़कर एक मुंह में पानी लाने वाले व्यजंन आपकों मिलेंगे। जंतर मंतर, निजामुद्दीन दरगाह, सफदरजंग का मकबरा, तुगलकाबाद का किला एवं पुराना किला इत्यादि दिल्ली के कई ऐतिहासिक स्थल है जो आपकों प्राचीन भारत के समृद्ध इतिहास से रुबरु कराएगें।

धार्मिक स्थल

भारत के ऐतिहासिक स्थल

दिल्ली मे केवल ऐतिहासिक स्थल ही नहीं बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी बहुत कुछ खास है। यहां कई धार्मिक स्थल है जो प्राचीन भारत और दिल्ली का प्रमाण प्रस्तुत करते हैं। कुछ प्राचीन धार्मिक स्थान ऐसे है जिनके लिए आपको अवश्य समय निकालना होगा। इनमें वाइसराय चर्च, जिसे कैथेड्रल चर्च ऑफ रिडेम्प्शन कहते हैं, गुरुद्वारा बंगला साहेब, जामा मस्जिद, सेंट जेम्स चर्च (भारत के सबसे पुराने चर्चों में से एक), कालकाजी मंदिर, कमल मंदिर इत्यादि कई ऐसे प्रमुख ऐतिहासिक स्थल हैं जो आपको शांति प्रदान करेंगें।

दिल्ली में ना केवल आपकों इतिहास से जुड़े त्तव मिलेगें बल्कि आधुनिकता का एक प्रचम लहराता दिखेगा। दिल्ली के आधुनिक रुप को प्रदर्शित करते कई बड़े मॉल और मेट्रो है जो आपकों एक अलग ही अनुभव प्रदान करेंगें। दिल्ली में एक ओर, आप लाल किले और पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक बाजार में इतिहास का अनुभव कर सकते हैं, जबकि दूसरी तरफ, आपके पास मॉल और मेट्रो रेल जैसी आधुनिक उपलब्धियां का अनुभव करने का एहसास होगा। दिल्ली की हर जगह आपकों एक नया आनंददायक अनुभव कराएगी।


महाराष्ट्र का औरंगाबाद

भारत के ऐतिहासिक स्थल

महाराष्ट्र का ऐतिहासिक शहर औरंगाबाद अपने आप में ख़ास है। औरंगाबाद शहर आपको अजंता और एलोरा जैसी प्राचीन गुफाओं का दौरा करा आजीवन आनंद का अनुभव देगा। औरंगाबाद आपकों 2000 साल पहले की प्राचीनतम संस्कृति और सभ्यता से रुबरु कराएगा। यहां की 2 हजार साल पुरानी इमारते जो एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की देखभाल में आती है आपकों एक अलग ही दुनिया में ले जाएगीं। प्राचीन में औरंगाबाद शहर फतेहपुर के नाम से जाना जाता था क्योंकि इस शहर का नाम मलिक अम्बर के बेटे फतेहखान ने रखा था। जब इस शहर पर औरंगज़ेब ने विजय पाई तो इसका नाम औरंगाबाद रख दिया। इस शहर का इतिहास बड़ा ही दिलचस्प है। अगर इस शहर के इतिहास के बारे में आप जानना चाहते हैं तो यहाँ ज़रूर आएं। पहाड़ियों से घिरे औंगाबाद शहर का अपना अलग ही ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि जितनी खूबसूरत यहाँ की इमारतें हैं उतना ही दिलचस्प इसका इतिहास है। तो चलिए आपको औरंगाबाद महाराष्ट्र की सैर कराते हैं।

अजंता

भारत के ऐतिहासिक स्थल

सदियो तक अंधकार की गर्त में छिपी रही ये अनूठी गुफाएं औरंगाबाद से 99 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इन गुफाओ की खोज का श्रेय ब्रिटिश फौजी अफसर जॉन स्मिथ को जाता है जिसने इनकी खोज सन् 1819 में की थी। पर्वतो को तराशकर बनाई गई इन 30 गुफाओ में भित्तिचित्र और कलात्मक मूर्तिया पर्यटको को मंत्र मुग्ध कर देती हैं। कहा जाता है कि इन गुफाओ का निर्माण दूसरी शताब्दी में किया गया था। अजंता की गुफाएं दो प्रकार की है। एक चैत्य और दूसरी स्तूप। गुप्तकाल में गुफा की दीवारो पर की गई चित्रकारी भारतीय चित्रकला की गौरवशाली पूंजी है। यहा पर अधिकांश चित्र बौद्ध धर्म से संबंधित है। अजंता गुफाओ के बौद्ध धर्म से संबंधित होने के कारण जापान सरकार ने अनुदान देकर औरंगाबाद से अजंता तक बढ़िया सड़क का निर्माण करवाया है जिस पर खाने-पीने के लिए उत्तम रेस्टोरेंट और ढाबों की उत्तम व्यवस्था है। पर्यटको के लिए ये गुफाएं सुबह 9 बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक खुली रहती है।

एलोरा की गुफाएं

भारत के ऐतिहासिक स्थल

एलोरा की गुफाएं औरंगाबाद से 30 किलोमीटर की दूरी पर है। ये गुफाएं अपने भव्य शिल्प व स्थापत्य कला के कारण विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहा की गुफाएं बौद्ध, जैन धर्म की संस्कृतियो के दर्शन मूर्तिकला के माध्यम से कराती है। चट्टानो को काटकर बनाई गई ये गुफाएं संख्या में 34 है जिनमे 16 हिंदू, 13 बौद्ध, तथा 5 जैन धर्म की है। अजंता की गुफाएं जहां कलात्मक भित्तियों के लिए प्रसिद्ध है वही एलोरा की गुफाएं मूर्तिकला के लिए विख्यात है। पहाड़ियों पर घिरी एलोरा गुफाएं, अपनी वास्तुकला, मठों और बौद्ध मंदिरों के लिए लोकप्रिय हैं। इन 'हॉल ऑफ पूजा' का निर्माण 5 वीं शताब्दी ईस्वी में किया गया था। हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म का एकीकरण यहां आपको देखने को मिलेगा। एलोरा गुफाओं में कैलासा मंदिर द्रविड़ कला का एक अच्छा उदाहरण है। गुफा संख्या 10 में एक मूर्ति है जो बुद्ध को बैठे हुए प्रदर्शित करती है। इसे विश्वकर्मा गुफा के रूप में जाना जाता है।
आप इन प्राचीन स्थलों में महान कलात्मक महिमा को देखेंगे जो इस देश की प्राचीन सभ्यता को जीवंत रूप से प्रदर्शित करती है। क्या आप जानते हैं कि अजंता और एलोरा गुफाओं पर आपकी यात्रा ने आपको वास्तव में दुनिया की सबसे बड़ी मोनोलिथिक संरचना भी दिखा दी है!
 
समय: सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला रहता है
सोमवार को एलोरा गुफाएं बंद रहती हैं।
प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए 10 रुपय और विदेशियों के लिए 250 भारतीय रुपय है। 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे मुफ्त में प्रवेश कर सकते हैं।

औरंगाबाद से अजंता की गुफाएं 99 किमी दूर हैं। जबकि एलोरा गुफाएं केवल 30 किमी की दूरी पर हैं। पुणे से यह स्थल 250 किमी की दूरी पर हैं। यहां आप जलगां से भी पहुंच सकते हैं जो केवल 59 किमी पर स्थित है। अजंता की गुफाओं में जाना का सबसे सही समय नवंबर-मार्च के बीच का होता है यानी सर्दी के मौसम या मानसून के मौसम में घूमने वालों के लिए यहां बहुत कुछ देखनो को मिल सकती है। पानी और हरियाली के बीच यह जगह आपको एक यादगार अनुभव कराएगी।

निकटतम रेलवे स्टेशन: जलगांव रेलवे स्टेशन
निकटतम हवाई अड्डा: औरंगाबाद हवाई अड्डा

मुंबई

भारत के ऐतिहासिक स्थल

सपनों की नगरी मुंबई जितनी अपने बॉलीवुड की रगींन दुनिया, सिनेमा, चलचित्रों के लिए जानी जाती है उतनी ही अपने ऐतिहासिक स्थलों के लिए भी मशहूर है। आप मुंबई में 'फिल्म सिटी'  जैसे स्थान पर जा सकते हैं जहां आपकों कई फिल्मों के सेट, लाइट, कैमरा, एक्शन से भरपुर प्रोडक्शन हाउस देखनें को मिलेंगें। मुंबई पूर्वी न्यूयॉर्क के नाम से भी विख्यात है। मुंबई में चौपाटी, गेटवे ऑफ़ इन्डिया प्रिन्स वेल्स म्युज़ियम, एलिफेंटा की गुफाएँ और मडआईलेन्ड बहुत ही प्रसिद्ध है। जो आपकों समुद्र के किनारे ठंडी हवाओं के साथ बहतरीन दृश्य से अवगत कराएगें। फ्लोरा फव्वारा मुंबई की गवर्नर सर बार्टले फ्रीरे को बॉम्बे में अपनी सेवा के लिए श्रद्धांजलि के रूप में समर्पित एक और सुंदर स्थल है। मुंबई उच्च न्यायालय जो भारत के सबसे प्राचीन उच्च न्यायालयों में से एक है वो भी आप देख सकते हैं।

इसके अलावा कनहेरी गुफाएं, , राजबाई क्लॉक टॉवर, यूनिवर्सिटी बिल्डिंग, वर्ली किला, बलोडियन बागान, फांसी बाग, जिजामाता उद्यान चिड़ियाघर, कमला नेहरू पार्क इत्यादि भी दिलचस्प जगहें हैं जिन पर आप जा सकते हैं और उनका आनंद उठा सकते हैं।

मुंबई के प्रातीनतम धार्मिक स्थानों में हाजी अली दरगाह, बाबुलनाथ मंदिर, माउंट मैरी चर्च, सिद्धिविनायक मंदिर और वालुकेश्वर मंदिर हैं इत्यादि प्रमुख है जो आपको एक अपार शांति का अनुभव कराएगी



झारखंड का जमशेदपुर

जमशेदपुर झारखंड राज्य का एक पुराना शहर है जो इस्पात संयंत्र के अस्तित्व के कारण 'स्टील सिटी' के रूप में लोकप्रिय है, जिसने यहां बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान किया है। लौहनगरी के रूप में विख्यागत जमशेदपुर केवल झा

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भारत के ऐतिहासिक स्थल

भारत एक समृद्ध ऐतिहासिक भूमि है। भारत के हर कोने में एक इतिहास छुपा है जो ना केवल भारत की संप्रभुता एवं अंखडता का प्रतिक है बल्कि भारत की संस्कृति की जीवंत उदाहरण है। भारत में कई ऐसी ऐतिहासिक चीजें उपलब्ध है जो भारत के गौरवमयी इतिहास को प्रदर्शित करती है। भारत एक ऐसा देश है जहां आदि काल से लेकर मध्य काल एवं वर्तमान काल तक के साक्ष्य मौजूद हैं। यहां प्राचीन भारत की सभ्यता को प्रदर्शित करती हड़प्पा कालीन संस्कृति के भी प्रमाण है और धार्मिक परंपराओं को दिखलाते सांची के स्तूप भी स्थित है। यहां मध्य कालीन भारत से जुड़े अनेकों स्थल है फिर चाहें वह दिल्ली का कुतुबमीनार, हुमायु तुंब एवं लालकिला हो या आगरा का ताजमहल, अंजता की प्राचीन गुफाओं से लेकर वर्तमान के इंडिया गेट तक ऐसी कई प्राचीन और नवीनतम ऐतिहासिक इमारतें, झरने, मंदिर एवं गुफाएं भारत में स्थित हैं जो भारत को एक अतुल्य भारत का दर्जा प्रदान करती हैं। भारत भ्रमण करने के लिए एवं भारत को और करीब से जानने के लिए आप इन स्थलों का दौरा अवश्य करें जो ना केवल आपकों भारत के समृद्ध इतिहास की जानकारी देगा बल्कि आपकों भारत की एक ऐसी यात्रा पर ले चलेगा जहां आपकों स्वंय का जानने का मौका मिलेगा। 

भारत के ऐतिहासिक स्थल

भारत के राज्यों के ऐतिहासिक स्थल

भारत का प्रत्येक राज्य अपनी विशिष्ट संस्कृति और जीवंत परंपराओं, जनजातियों, भाषाओं और ऐतिहासिक अतीत के साथ अनेकों तारों में ध्रुव तारें के समान चमकता है। भारत के हर राज्य का अपना ही अतीत, अपना ही इतिहास है जो उसे अपने आप में बहुत खास बनाता है। आइए हम भारत के विभिन्न राज्यों में ऐतिहासिक स्थानों के बारे में और जानें।
आंध्र प्रदेश: विजयवाड़ा, कुर्नूल, नेल्लोर, गुंटूर, कदप्पा
असम: जोरहाट
बिहार: बक्सर, पटना, सीवान, पूर्वी चंपारण
छत्तीसगढ़: भिलाई
गुजरात: राजकोट, भरूच, गांधीधाम, आनंद, वापी, उदवाड़ा
हरियाणा: करनाल, सोनीपत, पानीपत
हिमाचल प्रदेश: सोलन
जम्मू-कश्मीर: कारगिल, लेह
झारखंड: जमशेदपुर, बोकारो, हजारीबाग, कोडरमा
कर्नाटक: होस्पेट, बीजापुर, गुलबर्ग, बेलगाम, बिदर, कोझिकोड
मध्य प्रदेश: ग्वालियर, रतलाम, सागर, इंदौर, छतरपुर, भिंड
महाराष्ट्र: चंद्रपुर, एलोरा, पुणे, वर्धा, अलीबाग, रत्नागिरी
मणिपुर: इम्फाल
नागालैंड: कोहिमा
उड़ीसा: राउरकेला
पंजाब: कपूरथाला, अमृतसर, फिरोजपुर, रणथंभौर
पुदुच्चेरी: यानम पुदुच्चेरी
राजस्थान: मांडवा, भरतपुर, उदयपुर, कोटा, श्रीगंगानगर
तेलंगाना: करीमनगर, हैदराबाद, वारंगल

भारत के इन सर्वश्रेष्ठ ऐतिहासिक स्थानों पर आपको अवश्य जाना चाहिए

भारतीय इतिहास इतना समृद्ध है कि देश के हर हिस्से में आपको एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक स्थल, प्राचीन किले और भव्य महल दिख जाएंगे। इन ऐतिहासिक स्थलों के पीछे प्यार, वीरता, ताकत और युद्ध की प्रसिद्ध कहानियां छिपी है। हम आपको बता रहे हैं देश के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल और उनसे जुड़ी कहानियों के बारे में..

नई दिल्ली - भारत की राजधानी

भारत के ऐतिहासिक स्थल

भारत की राजधानी दिल्ली ना केवल भारत की वर्तमान राजधानी है बल्कि दिल्ली ऐतिहासिक नगरों की भी राजधानी है। दिल्ली में इतिहास से जुड़े कई ऐसे पात्र, ऐसे स्थल है जो भारत के साथ-साथ दिल्ली के भी समृद्ध इतिहास को प्रदर्शित करते हैं। भारत की राजधानी में पुरानी और नई दिल्ली का संगम आपको इतिहास के साथ-साथ वर्तमान से भी अवगत कराएगा। पुरानी दिल्ली का क्षेत्र जहां आपको दिल्ली की प्राचीन संस्कृति एवं सभ्यता के साथ-साथ खान-पान का अनुभव कराएगा। वहीं नई दिल्ली का क्षेत्र आपकों भारत और दिल्ली के आधुनिकरण से रुबरु कराएगा। तो चलिए चलते हैं दिल्ली के इस सफर पर।  दिल्ली में आपका सफर सबसे पहले इंडिया गेट से शुरु करते हैं। जो आपको दिल्ली की उन प्राचीन इमारतों का उदारहरण पेश करेगा जिसमें एक विस्तृत इतिहास छुपा बैठा है। इंडिया गेट आधुनिक भारत की वो विरासत है जो आपकों उन शहीदों की शहादत की याद दिलाएगी जो विश्व युद्ध के समय शहीद हो गए थे। इंडिया गेट की दीवारों पर विश्व युद्ध एवं अफगान युद्ध के समय शहीद हुए शहीदों के नाम लिखे दिखेंगे।

इसके साथ ही दिल्ली में आपको संसद भवन, राष्ट्रपति भवन (जो यूरोपीय, मुगल और भारतीय शैली से निर्मित है) देखने को मिलेगा। 15वीं और 16वीं शताब्दी के स्मारकों के साथ कनॉट प्लेस और लोदी गार्डन से आपको प्यार हो जाएगा।

इसके अलावा दिल्ली में आपको मुस्लिम एवं मुगल शासकों के साम्राज्य के प्रतिक ऐतिहासिक स्थल देखने को मिलगें। कुतुब मीनार को उत्तर भारत में पहले मुस्लिम साम्राज्य के स्थल के रूप में जाना जाता है और यह उस जमाने की मुस्लिम वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है जिसका निर्माण सैंडस्टोन यानी बलुआ पत्थर से किया गया था। इस मीनार में कुरान से ली गई कई आयतें भी उकेरी गई हैं जो मुख्य रूप से अरबी भाषा में है। भारत के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक के नाम पर इस मीनार का नाम कुतुब मीनार पड़ा। वहीं दूसरी ओर
जब मुगल शासक शाहजहां ने अपनी राजधानी आगरा से दिल्ली स्थापित की तब उन्होंने लाल किले का निर्माण करवाया जिसे बनने में करीब 10 साल का वक्त लगा। 1638 से 1648 के बीच लाल किले का निर्माण हुआ और उस वक्त उसका नाम किला-ए-मुबारक था। भारतीय और ईरानी वास्तुकला का बेहतरीन संकलन दिखता है हुमांयू के मकबरे में जो भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। हुमांयू की बीवी हमीदा बानू बेगम ने 15वीं शताब्दी में अपने पति के लिए इस मकबरे का निर्माण करवाया था। इस जगह की सबसे खास बात यह है कि यहां आपको हुमांयू के मकबरे के अलावा बेहद खूबसूरत गार्डन भी देखने को मिलेगा।

यही नहीं दिल्ली में आपको खरीदारी और खान पान के लिहाज़ से भी काफी कुछ देखने और खाने को मिलेगा जिसमें सर्वप्रमुख पुरानी दिल्ली स्थित चांदनी चौक है जो ना केवल खरीदारी के लिहाज से दिल्ली की सबसे बड़ी मार्किट है बल्कि यहां खान-पान के भी एक से बढ़कर एक मुंह में पानी लाने वाले व्यजंन आपकों मिलेंगे। जंतर मंतर, निजामुद्दीन दरगाह, सफदरजंग का मकबरा, तुगलकाबाद का किला एवं पुराना किला इत्यादि दिल्ली के कई ऐतिहासिक स्थल है जो आपकों प्राचीन भारत के समृद्ध इतिहास से रुबरु कराएगें।

धार्मिक स्थल

भारत के ऐतिहासिक स्थल

दिल्ली मे केवल ऐतिहासिक स्थल ही नहीं बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी बहुत कुछ खास है। यहां कई धार्मिक स्थल है जो प्राचीन भारत और दिल्ली का प्रमाण प्रस्तुत करते हैं। कुछ प्राचीन धार्मिक स्थान ऐसे है जिनके लिए आपको अवश्य समय निकालना होगा। इनमें वाइसराय चर्च, जिसे कैथेड्रल चर्च ऑफ रिडेम्प्शन कहते हैं, गुरुद्वारा बंगला साहेब, जामा मस्जिद, सेंट जेम्स चर्च (भारत के सबसे पुराने चर्चों में से एक), कालकाजी मंदिर, कमल मंदिर इत्यादि कई ऐसे प्रमुख ऐतिहासिक स्थल हैं जो आपको शांति प्रदान करेंगें।

दिल्ली में ना केवल आपकों इतिहास से जुड़े त्तव मिलेगें बल्कि आधुनिकता का एक प्रचम लहराता दिखेगा। दिल्ली के आधुनिक रुप को प्रदर्शित करते कई बड़े मॉल और मेट्रो है जो आपकों एक अलग ही अनुभव प्रदान करेंगें। दिल्ली में एक ओर, आप लाल किले और पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक बाजार में इतिहास का अनुभव कर सकते हैं, जबकि दूसरी तरफ, आपके पास मॉल और मेट्रो रेल जैसी आधुनिक उपलब्धियां का अनुभव करने का एहसास होगा। दिल्ली की हर जगह आपकों एक नया आनंददायक अनुभव कराएगी।


महाराष्ट्र का औरंगाबाद

भारत के ऐतिहासिक स्थल

महाराष्ट्र का ऐतिहासिक शहर औरंगाबाद अपने आप में ख़ास है। औरंगाबाद शहर आपको अजंता और एलोरा जैसी प्राचीन गुफाओं का दौरा करा आजीवन आनंद का अनुभव देगा। औरंगाबाद आपकों 2000 साल पहले की प्राचीनतम संस्कृति और सभ्यता से रुबरु कराएगा। यहां की 2 हजार साल पुरानी इमारते जो एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की देखभाल में आती है आपकों एक अलग ही दुनिया में ले जाएगीं। प्राचीन में औरंगाबाद शहर फतेहपुर के नाम से जाना जाता था क्योंकि इस शहर का नाम मलिक अम्बर के बेटे फतेहखान ने रखा था। जब इस शहर पर औरंगज़ेब ने विजय पाई तो इसका नाम औरंगाबाद रख दिया। इस शहर का इतिहास बड़ा ही दिलचस्प है। अगर इस शहर के इतिहास के बारे में आप जानना चाहते हैं तो यहाँ ज़रूर आएं। पहाड़ियों से घिरे औंगाबाद शहर का अपना अलग ही ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि जितनी खूबसूरत यहाँ की इमारतें हैं उतना ही दिलचस्प इसका इतिहास है। तो चलिए आपको औरंगाबाद महाराष्ट्र की सैर कराते हैं।

अजंता

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सदियो तक अंधकार की गर्त में छिपी रही ये अनूठी गुफाएं औरंगाबाद से 99 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इन गुफाओ की खोज का श्रेय ब्रिटिश फौजी अफसर जॉन स्मिथ को जाता है जिसने इनकी खोज सन् 1819 में की थी। पर्वतो को तराशकर बनाई गई इन 30 गुफाओ में भित्तिचित्र और कलात्मक मूर्तिया पर्यटको को मंत्र मुग्ध कर देती हैं। कहा जाता है कि इन गुफाओ का निर्माण दूसरी शताब्दी में किया गया था। अजंता की गुफाएं दो प्रकार की है। एक चैत्य और दूसरी स्तूप। गुप्तकाल में गुफा की दीवारो पर की गई चित्रकारी भारतीय चित्रकला की गौरवशाली पूंजी है। यहा पर अधिकांश चित्र बौद्ध धर्म से संबंधित है। अजंता गुफाओ के बौद्ध धर्म से संबंधित होने के कारण जापान सरकार ने अनुदान देकर औरंगाबाद से अजंता तक बढ़िया सड़क का निर्माण करवाया है जिस पर खाने-पीने के लिए उत्तम रेस्टोरेंट और ढाबों की उत्तम व्यवस्था है। पर्यटको के लिए ये गुफाएं सुबह 9 बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक खुली रहती है।

एलोरा की गुफाएं

भारत के ऐतिहासिक स्थल

एलोरा की गुफाएं औरंगाबाद से 30 किलोमीटर की दूरी पर है। ये गुफाएं अपने भव्य शिल्प व स्थापत्य कला के कारण विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहा की गुफाएं बौद्ध, जैन धर्म की संस्कृतियो के दर्शन मूर्तिकला के माध्यम से कराती है। चट्टानो को काटकर बनाई गई ये गुफाएं संख्या में 34 है जिनमे 16 हिंदू, 13 बौद्ध, तथा 5 जैन धर्म की है। अजंता की गुफाएं जहां कलात्मक भित्तियों के लिए प्रसिद्ध है वही एलोरा की गुफाएं मूर्तिकला के लिए विख्यात है। पहाड़ियों पर घिरी एलोरा गुफाएं, अपनी वास्तुकला, मठों और बौद्ध मंदिरों के लिए लोकप्रिय हैं। इन 'हॉल ऑफ पूजा' का निर्माण 5 वीं शताब्दी ईस्वी में किया गया था। हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म का एकीकरण यहां आपको देखने को मिलेगा। एलोरा गुफाओं में कैलासा मंदिर द्रविड़ कला का एक अच्छा उदाहरण है। गुफा संख्या 10 में एक मूर्ति है जो बुद्ध को बैठे हुए प्रदर्शित करती है। इसे विश्वकर्मा गुफा के रूप में जाना जाता है।
आप इन प्राचीन स्थलों में महान कलात्मक महिमा को देखेंगे जो इस देश की प्राचीन सभ्यता को जीवंत रूप से प्रदर्शित करती है। क्या आप जानते हैं कि अजंता और एलोरा गुफाओं पर आपकी यात्रा ने आपको वास्तव में दुनिया की सबसे बड़ी मोनोलिथिक संरचना भी दिखा दी है!
 
समय: सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला रहता है
सोमवार को एलोरा गुफाएं बंद रहती हैं।
प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए 10 रुपय और विदेशियों के लिए 250 भारतीय रुपय है। 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे मुफ्त में प्रवेश कर सकते हैं।

औरंगाबाद से अजंता की गुफाएं 99 किमी दूर हैं। जबकि एलोरा गुफाएं केवल 30 किमी की दूरी पर हैं। पुणे से यह स्थल 250 किमी की दूरी पर हैं। यहां आप जलगां से भी पहुंच सकते हैं जो केवल 59 किमी पर स्थित है। अजंता की गुफाओं में जाना का सबसे सही समय नवंबर-मार्च के बीच का होता है यानी सर्दी के मौसम या मानसून के मौसम में घूमने वालों के लिए यहां बहुत कुछ देखनो को मिल सकती है। पानी और हरियाली के बीच यह जगह आपको एक यादगार अनुभव कराएगी।

निकटतम रेलवे स्टेशन: जलगांव रेलवे स्टेशन
निकटतम हवाई अड्डा: औरंगाबाद हवाई अड्डा

मुंबई

भारत के ऐतिहासिक स्थल

सपनों की नगरी मुंबई जितनी अपने बॉलीवुड की रगींन दुनिया, सिनेमा, चलचित्रों के लिए जानी जाती है उतनी ही अपने ऐतिहासिक स्थलों के लिए भी मशहूर है। आप मुंबई में 'फिल्म सिटी'  जैसे स्थान पर जा सकते हैं जहां आपकों कई फिल्मों के सेट, लाइट, कैमरा, एक्शन से भरपुर प्रोडक्शन हाउस देखनें को मिलेंगें। मुंबई पूर्वी न्यूयॉर्क के नाम से भी विख्यात है। मुंबई में चौपाटी, गेटवे ऑफ़ इन्डिया प्रिन्स वेल्स म्युज़ियम, एलिफेंटा की गुफाएँ और मडआईलेन्ड बहुत ही प्रसिद्ध है। जो आपकों समुद्र के किनारे ठंडी हवाओं के साथ बहतरीन दृश्य से अवगत कराएगें। फ्लोरा फव्वारा मुंबई की गवर्नर सर बार्टले फ्रीरे को बॉम्बे में अपनी सेवा के लिए श्रद्धांजलि के रूप में समर्पित एक और सुंदर स्थल है। मुंबई उच्च न्यायालय जो भारत के सबसे प्राचीन उच्च न्यायालयों में से एक है वो भी आप देख सकते हैं।

इसके अलावा कनहेरी गुफाएं, , राजबाई क्लॉक टॉवर, यूनिवर्सिटी बिल्डिंग, वर्ली किला, बलोडियन बागान, फांसी बाग, जिजामाता उद्यान चिड़ियाघर, कमला नेहरू पार्क इत्यादि भी दिलचस्प जगहें हैं जिन पर आप जा सकते हैं और उनका आनंद उठा सकते हैं।

मुंबई के प्रातीनतम धार्मिक स्थानों में हाजी अली दरगाह, बाबुलनाथ मंदिर, माउंट मैरी चर्च, सिद्धिविनायक मंदिर और वालुकेश्वर मंदिर हैं इत्यादि प्रमुख है जो आपको एक अपार शांति का अनुभव कराएगी



झारखंड का जमशेदपुर

जमशेदपुर झारखंड राज्य का एक पुराना शहर है जो इस्पात संयंत्र के अस्तित्व के कारण 'स्टील सिटी' के रूप में लोकप्रिय है, जिसने यहां बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान किया है। लौहनगरी के रूप में विख्यागत जमशेदपुर केवल झारखंड में नहीं, बल्कि पूरे विश्वझ पटल पर चर्चित है। इसे टाटानगर के भी नाम से जाना जाता है हालांकि, जमशेदपुर में कुछ वास्तव में पुरानी इमारतें अभी भी अपने गौरवशाली अतीत की पुरानी कहानियों को बताती हैं। लोग पूरे विश्वअ से इस लौहनगरी को देखने आते हैं। टिस्को , टेल्को  जैसे अंतर्राष्टी य स्तपर के कारखाने के अलावा, जुबली पार्क, दालम पहाड़ी, हुडको लेक, मोदी पार्क, कीनन स्टेरडियम जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, दीमा झील, टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क और जुबली पार्क है आदि ऐसे जगह है जो यात्रा के लिए दिलचस्प हैं। पर्यटन की दृष्टि से टाटानगर का महत्वह अंतराष्ट्री य स्‍तर पर भी है। इसे हाल में ही इंटरनेशनल क्लीटन सिटी के अवार्ड से नवाजा गया है। जहाँ पर्यटक घूम सकते हैं।

भारत के ऐतिहासिक स्थल

मंदिर

जमशेदपुर के सबसे पुराने मंदिरों में काल्मा में कालीबाड़ी मंदिर और टेल्को में भुवनेश्वरी मंदिर शामिल है। सर दोराबजी टाटा पार्क, दल्मा वन्यजीव अभयारण्य और नदी की बैठक कुछ शांतिपूर्ण चिन्ह हैं जो आपको फिर से प्राचीन समय मे ले जाकर जीवंत कर देगें।

आप जमशेदपुर के उत्कृष्टता केंद्र भी जा सकते हैं और इसमें व्यापक इस्पात कारखाने के निर्माण के पीछे इतिहास के बारे में जान सकते हैं। जमशेदपुर जैसे पुराने शहर, जिसे पहले 'सकची' के नाम से जाना जाता था, न केवल भारत में घरेलू इस्पात आवश्यकताओं को पूरा करता है बल्कि दुनिया भर के देशों को बेहतर गुणवत्ता वाले स्टील का निर्यात भी करता है। यह एक आधुनिक शहर है जिसें सबसे आधुनिक दृष्टिकोण प्राप्त है। 


हैदराबाद और तेलंगाना के स्थल

भारत के ऐतिहासिक स्थल

भारत का दक्षिण राज्य हैदराबाद इट पार्क, मशहूर बाजार, महलों, किलों और संग्रहालयों के साथ एक बढ़ते शहर के साथ एक हलचल वाला शहर है। जो अपने जुड़वां शहर सिकंदराबाद के साथ विशाल आधारभूत विकास का साक्षी है। इस प्राचीन शहर की यात्रा आपको पौराणिक स्थलों के साथ-साथ बेहतरीन व्यंजनों का आनंद लेने का अवसर देगी। हैदराबाद की लोकप्रिय हैदराबादी बिरयानी और हलीम! यहां के प्रमुख व्यंजनों में से एक है जो आपके मुंह में पानी लाने का दम रखते हैं। यदि आप हैदराबाद जाएं तो हैदराबाद के व्यंजनों का जरुर लुत्फ उठाएं।

खैर, नवाबों की संस्कृति को इस शहर के दौरे में सबसे अच्छा समझा जा सकता है। हैदराबाद, वर्तमान आंध्र प्रदेश और तेलेंगाना की संयुक्त राजधानी है। इस बेपनाह सुन्दर शहर की स्थापना कुतुब शाही वंश के शासक मोहम्मद कुली कुतुब शाही ने 1591 में की थी।

यहां आपको मक्का मस्जिद को देखना अच्छा लगेगा, जिसे 400 साल पहले बनाया गया था, चारमीनार के चारों ओर आकर्षक शहर, गुलकोंडा किला और कुतुब शाही कबूतर कुतुब शाही राजवंश शासकों के शासकों को समर्पित है। इसके साथ ही मुख्य आकर्षण चारमीनार, हुसैन सागर झील, बिड़ला मंदिर, सालारजंग संग्रहालय आदि है जो इस शहर को अलग पहचान देते हैं।

हैदराबाद में इतिहास के संदर्भ में खोजने के लिए बहुत कुछ है। आपको चंद्रयानगुट्टा में स्थित पेगाह कब्रों का दौरा करने के लिए समय अवश्य निकालना चाहिए, इतालवी संगमरमर का उपयोग करके फलकनुमा पैलेस बनाया गया था। पैगाह मकबरा का संबंध पैगाह के शाही परिवार से है, जिसे हैदराबाद में शम्स उल उमराही परिवार के नाम से भी जाना जाता है। चूने व गारे से बने ये मकबरे प्राचीन काल बखूबी तरीके से याद दिलाते हैं। हैदराबाद के पीसाल बंदा में मौजूद इस मकबरे को मकबरा शम्स उल उमरा के नाम से भी जाना जाता है। किले के पास में यह मकबरे जैसे बल्ब के आकर और गोलकार में नज़र आते हैं। यहाँ कुतुबशाही वंश के शासकों के मकबरे हैं।

इसके साथ ही चोमहला पैलेस परिसर चारमीनार के पास स्थित, इस परिसर में चार महल शामिल है जो मुगल और यूरोपीय शैलियों में निर्मित है और जहाँ हैदराबाद के निजाम और शाही शासकों की तस्वीरें और अन्य यादगार चीज़े हैं। जो असफ जाही राजवंश की गद्दी के रूप में कार्य करता था सरमान द्वारा निर्मित असमान गढ़ पैलेस 1885 में असमान जहां (हैदराबाद के प्रधान मंत्री) और गोथिक वास्तुकला पर आधारित है।। नेहरू चिड़ियाघर देश का ही नहीं बल्कि पूरे एशिया का सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है। यहाँ आप लॉयन सफारी तथा सफेद शेर को देख लुफ्त उठा सकते हैं। गोलकुंडा कभी हीरों की खानों के लिए विश्व-भर में प्रसिद्ध था। 11 किलोमीटर के एरिया में फैले इस किले की मज़बूत ग्रेनाइट दीवार जो किले को चारों ओर से घेरे हुए है इसमें आठ प्रवेश द्वार हैं। इस किले की खासियत यह है कि यहाँ के मुख्य प्रवेश द्वार पर गुम्बद के नीचे खड़े होकर ताली बजाने से उसकी आवाज़ को किले के सबसे ऊपरी हिस्से तक सुना जा सकता है।

महल

हैदराबाद में इसके साथ ही पुरानी हवेली, किंग कोठी पैलेस, बेला विस्टा, गांधीपेट झील के पास तारामती बारादारी महल, हिमायत सागर, मीर आलम टैंक ऐतिहासिक महत्व वाले अन्य स्थान हैं। जो आपकी यात्रा को बहुत यादगार बनाएगे। धार्मिक स्थानों में, आप मक्का मस्जिद चारमीनार के पास स्थित है वहां जा सकते हैं।  जामा मस्जिद भी बेहतरीन कला की एक मिसाल है। यह हैदराबाद की प्राचीन मस्जिदों में से एक है  साथ ही  हेब्रोन हाउस ऑफ पूजा, आनंद बुद्ध विहार और लक्ष्मीनरसिम्हा स्वामी मंदिर जैसे स्थानों पर जाकर शांति प्राप्त कर सकते हैं

हैदराबाद की यात्रा में आपको मनोरंजन एवं लज़ीज व्यंजनों के साथ  बहुत प्राचीन इमारतों की सुंदर वास्तुकला और हां, कुछ जीवंत सफेद मोती और लाखों चूड़ियों की छनछनाहट का आनंद मिल सकता है। यहां की यादें जीवन भर आपके साथ बनी रहेंगी।
 
कैसे कब जाएं हैदराबाद
हैदराबाद जाना हो तो ठंड के समय में जाए क्योंकि न ही यहां ज्यादा ठंड पड़ती है और न ही ज्यादा गर्मी, इसलिए यह मौसम हैदराबाद घूमने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।

निकटतम हवाई अड्डाः राजीव गांधी टर्मिनल और एनटी रामा राव टर्मिनल

निकटतम रेलवे स्टेशनः सिकंदराबाद
भारत के ऐतिहासिक स्थल

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