सब्जियों से कमाओ लाखो मुनाफा

 

सब्जी की खेती से मालामाल | सालाना 10 लाख की कमाई | नई तकनीक जान आप भी कर सकते हैं कमासब्जी की खेती से मालामाल | सालाना 10 लाख की कमाई | नई तकनीक जान आप भी कर सकते हैं कमाई

आज खेती से होने वाली लाखों की कमाई के बारे में जानकारी दे रहे हैं. गांव में आजकल खेती होना किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है. अब किसान खेतों में नोटों की फसल काटने लगे हैं. एक एकड़ में मात्र 40 हजार रूपए खर्च कर 5 लाख तक की कमाई करने वाली बात सबको हैरान कर देगी. पर यह सच है छत्तीसगढ़ और पंजाब के किसान इससे अधिक कमाई कर रहे हैं.

सब्जियों की खेती Vegetable farming

आइये इसके गणित को समझते हैं. सब्जियों के रेट ने आम लोगों के बजट को जरूर बिगाड़ कर रख दिया हो पर सब्जी के किसान मालामाल हो रहे हैं. समझदार किसान अपने खेत पर सब्जियों की खेती करना पसंद कर रहे हैं. सब्जी की कमाई से अब वे झोपड़ी से पक्के मार्बल वाले मकान तैयार कर उसमें रहने लगे हैं.

छत्तीसगढ़ के कंचनपुर के हिटलर प्रधान ने मात्र 3 एकड़ जमीन में बैंगन की खेती कर साल में लगभग 10 लाख की कमाई कर लेते हैं. गांव के अन्य किसान जो पिछले कुछ वर्षो से खेती कर रहे हैं. उनकी मेहनत और कुछ कर गुजरने के जज्बे ने गांव की तस्वीर ही बदल कर रख दी है. आर्थिक रूप से बेहद कमजोर जो कभी मेहनत मजदूरी करके किसी तरह से अपना व परिवार का पेट पालते थे. अब खेती के द्वारा लाखों की कमाई कर रहे हैं. उन्होंने गांव में पक्के मकान बना लिए है. उनके बच्चे गांव छोड़ कर शहर के कांवेंट स्क्ूल में पढ़ने लगे हैं.

सुनकर भले ही विश्वास ना हो रहा हो पर यह सच है. कंचनपुर के आसपास के गांवों के किसान करेला, भिंडी, केला, मिर्च, लौकी, आलू, प्याज, गोभी, टमाटर, धनिया, बैगन, परवल जैसे अनेक तरह की सब्जियां अपने खेत पर तैयार कर ट्रकों में भर-भर कर पास की मंडियों में ले जा रहे हैं.

खेती हो रही है वरदान साबित

उनका कहना है सब्जी की खेती ने उनकी तकदीर बदल दी है. खास कर आज की नई तकनीक से की जाने वाली खेती उनके लिए वरदान साबित हो रही है. गांव के कोई-कोई किसान एक फसल चक्र में चार-चार फसलें तैयार कर रहे हैं. अब आप सोच सकते हैं. वे अपनी मेहनत द्वारा कितनी कमाई कर रहे हैं.

खेतों में अच्छी फसल लेने के लिए वे खेतों में किसी प्रकार के रसायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं करते हैं. उनके द्वारा पूरी तरह से जैविक खाद का ही प्रयोग किया जाता है. उन्हें सब्जी का भाव भी दुगुना मिल रहा है.

10 लाख के मुनाफा कमाया

जिसकी वजह से गांवों के किसान खेतों में नोटों की फसल काटने में लगें है. एक एकड़ में मात्र चालीस हजार रुपए खर्च कर पांच लाख रुपए तक की कमाई कर लेते हैं. कंचनपुर के किसान हिटलर प्रधान ने सबसे पहले मात्र तीन एकड़ में बैगन की खेती से 10 लाख के मुनाफा कमाया था. इसे देख उस गांव के और आसपास के गांव के अनेकों किसानों ने हिटलर प्रधान की तरह बैंगन की खेती शुरू कर दी. उनकी भी मोटी कमाई होने लगी.

पंजाब के जालंधर जिला के गांव पलथ के किसान लहमर सिंह ने एक एकड़ में खीरा की खेती कर साढ़े पांच लाख रुपये का मुनाफा कमाया. इसी तरह लुधियाना के किसान हरवीर सिंह और धनदीप सिंह नई तकनीक द्वारा शिमला मिर्च की पैदावार कर एक एकड़ में पांच लाख रुपये से ज्यादा की कमाई की.

16 एकड़ जमीन में जैविक खेती

संगरूर जिले के गांव लहरा के किसान शगुनदीप पिछले कुछ सालों से जैविक खेती कर रहे हैं. उन्होंने एक एकड़ जमीन से जैविक खेती की शुरूआत की थी. आज 16 एकड़ जमीन में जैविक खेती करते हैं. जिसके द्वारा करोड़ों की कमाई करते हैं.

आजकल किसी भी प्रकार के रासायन का इस्तेमाल करने की बजाए देसी खाद, खट्टी लस्सी और फसलों के अवशेष का इस्तेमाल कर तैयार की जानी फसल की डिमांड काफी अधिक है. जिसे जैविक खेती कहते हैं. जैविक खेती द्वारा फसल की कीमत दुगने रेट पर बिकते हैं. सीधी सी बात है मेहनत उतनी ही कमाई डबल

आर्गेनिक विधि से सब्जियां

हरियाणा के गुरूगाव में एक प्रतिष्ठत कंपनी में मैकेनिक इंजीनियर की जॉब छोड़कर करतारपुर निवासी अवतार सिंह ने इंडो-इजरायल तकनीक पर आधारित आर्गेनिक विधि से सब्जियां उगा रहे हैं. इस तकनीक के द्वारा अच्छी कमाई कर रहे हैं. देश में ऐसे अनेकों किसानों है जो नई तकनीक द्वारा खेती कर लाखों की कमाई कर रहे हैं.

राजस्थान के शेखावटी इलाके के रसीदपुरा के किसान दुर्गाप्रसाद ओला ने अपने खेत में 1 लाख रूपये खर्च कर नीदरलैंड खीरे की फसल तैयार की 4 माह में 8 लाख की कमाई की. ऐसे अनेकों उदाहरण मिल रहे हैं.

जानें, सितंबर में कौन-कौन सी सब्जियों की खेती करें

सितंबर के इस माह में खरीफ फसल की कटाई के बाद किसान भाई अपने खाली होने वाले खेत में मौसमी सब्जियों की फसल उगा सकते हैं। गाजर, मूली, शलजम, आलू, अजवाइन, सलाद पत्ते, पत्ता गोभी, ब्रोकली, टमाटर, मटर, चुकंदर आदि  ऐसी सब्जियां हैं जो 45 दिन के बाद ही यानि दीवाली तक ही आपको खूब पैदावार देने लगेंगी। इनकी बंपर पैदावार से आपके घर पर लक्ष्मी की जमकर कृपा बरसेगी। आइए, जानते हैं ट्रैक्टर गुरू की इस पोस्ट में कौन-कौन सी सब्जियों की फसलों की बिजाई/ रोपाई आप इन दिनों कर सकते हैं।


अधिक कमाई वाली सब्जियों की फसलें

बता दें कि सर्दियों की सब्जियों की फसलों में कई फसलें ऐसी हैं जो अधिक पैदावार और ज्यादा कमाई देती हैं। इनकी बाजार में अधिक मांग होने से ये आपको मालामाल भी कर सकती हैं। इन फसलों में ब्रोकली, हरी मिर्च, पपीता, बैंगन, गाजर, मूली और टमाटर हैं। इनकी खेती कैसे और कब की जाती है, इसकी जानकारी यहां दी जा रही है।

ब्रोकली की खेती कैसे करें

ब्रोकली की बनावट बिल्कुल फूलगोभी की तरह होती है। इसका रंग हरा होता है। इसकी मांग विदेशों में बढ़ती जा रही है। इसकी खेती सितंबर में ही की जाती है। इसके लिए उन्नत किस्म के बीजों का चयन करके नर्सरी तैयार कर सकते हैं। इसके बीजों की रोपाई के बाद 4 से 5 सप्ताह के अंदर ब्रोकली के पौधे की रोपाई कर सकते हैं। इसके बाद 60 से 90 दिनों के अंदर ब्रोकली का अच्छा उत्पादन ले सकते हैं।

हरी मिर्च की खेती

हरी मिर्च ऐसी फसल है जिसे हर किसी मौसम में कर सकते हैं। इस समय सितंबर में भी इसके लिए अच्छा सीजन है। हरी मिर्च की बुआई करके कम समय में बेहतर उत्पादन ले सकते हैं। इसकी अच्छी किस्म का चयन करना चाहिए जिससे नुकसान कम से कम हो। किसान चाहें तो कच्चे पपीते की बिक्री भी कर सकते हैं। सितंबर माह में पपीते की नर्सरी तैयार की जा सकती है।

पपीते की खेती

सितंबर माह में पपीता की खेती की जा सकती है। इसके लिए उत्तम किस्म की नस्ल का चयन करें।  फसल पर कीटों का नियंत्रण बढऩे लगता है। पपीता कई बीमारियों में रामबाण औषधि की तरह काम करता है इसलिए इसकी डिमांड साल भर बनी रहती है। इसकी फसल किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक है।

बैंगन की खेती करें

सितंबर माह में की जाने वाली खेती में बैंगन की खेती भी प्रमुख है। इसमें कम मेहनत और लागत भी कम आती है। यह मुनाफा देने वाली फसल है। इसके बेहतर उत्पादन के लिए खेत में जैविक खाद, कंपोस्ट खाद और नीम से बने कीटनाशकों का प्रयोग करना चाहिए।

गाजर की खेती का भी सीजन

सितंबर से अक्टूबर तक बाजार में लाल एवं ओरेंज कलर की गाजारों का सीजन शुरू हो जाता है। वैसे तो गाजर की बुआई अगस्त से नवंबर तक होती है लेकिन सितंबर का महीना सबसे उपयुक्त है क्योंकि इसमें अंकुरण जल्दी होता है।

मूली की खेती करें

सब्जियों की फसलों में मूली की खेती करना भी काफी लाभदायक हो सकता है। इसका इस्तेमाल कच्चे सलाद, अचार आदि के लिए किया जाता है। किसान चाहें तो पॉलिहाउस में मूली उगा कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। सबसे पहले मूली की उन्नत किस्में 40 से 50 दिन में पक कर तैयार हो जाती हैं। मूली की बेहतरीन नस्ल की फसलों से किसानों को नकद मुनाफा मिल सकता है।

टमाटर की खेती करें

खेती की उन्नत तकनीक की मदद से टमाटर की खेती की जाए तो यह फसल आपको काफी मुनाफा दे सकती है। टमाटर की खेती साल में तीन बार की जाती है। इसकी बुआई सितंबर से लेकर अक्टूबर के बीच में की जाती है जो 60 दिनों के भीतर पक कर तैयार हो जाती है। टमाटर की फसल से कम जोखिम में बेहतर उत्पादन लेने के लिए रोग प्रतिरोधी पौधों का ही चयन किया जाना चाहिए।


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