चंदन की खेती से बने करोड़पति

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चंदन की खेती कैसे होती है |
चंदन की खेती हिंदी में | चंदन की उन्नत वस्तु।                                             

चंदन की खेती (चंदन की खेती) से संबंधित जानकारी

चंदन की खेती के बारे में अधिक जानकारी लकड़ी विशेष रूप से हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और भारतीय संस्कृति की परंपराओं से जुड़ी है चंदन की लकड़ी सोने की तरह ही मूल्यवान है | इसे तैयार करने में 12 से 15 साल का समय लगता है, जबकि इसकी कीमत 20 मीटर तक हो सकती है। चंदन के पेड़ के सभी भाग उपयोग में लाए जाते हैं, इसका पेड़ पुराना होता है, इसमें अधिकतम तेल की मात्रा पाई जाती है | भारत के कई राज्यों में चंदन की खेती करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, इसके अलावा इसकी खेती के लिए वैधानिकता की भी आवश्यकता है | इसकी खेती को व्यावसायिक रूप से धूप औषधि, कपास और सौन्दर्य वास्तुशिल्प के अलावा भी कई तरह के तत्व बनाए जाते हैं

भारत  के दक्षिण क्षेत्र में इसकी खेती विशेष रूप से की जाती है, कर्नाटक के जंगलों में इसके पेड़ आसानी से मिल जाते हैं | चंदन के औषधीय औषधीय गुण होने के कारण इसकी मांग पूरे विश्व में अधिक रहती है | भारत में चंदन का कुल उत्पादन 100 टन के आसपास है, मथुरा इसका प्रति वर्ष 7,000 से 8,000 टन तक रहता है, जिसकी वजह से इसकी कीमत काफी लाजवाब है | अगर आप भी चंदन की खेती से लाखों की कमाई करना चाहते हैं, तो इस लेख में आपको चंदन की खेती कैसी होती है (Sandalwood Farming in Hindi) और चंदन की बेहतरीन खूबसूरत कौन - सी है, इसके बारे में जानकारी दी जा रही है |    

चंदन की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी , जलवायु और तापमान (चंदन की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी, जलवायु और तापमान)


चंदन की खेती के लिए लाल बलुई रेस्तरां दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है | इसकी खेती के लिए जल उत्पादक भूमि की आवश्यकता होती है, तथा भूमि का PH मान 7 से 8.5 के मध्य होना चाहिए | चंदन की खेती जलोढ़ और नम मिट्टी करने से तेल की मात्रा कम प्राप्त होती है|

चंदन का पौधा शुष्क जलवायु वाला होता है, इसलिए इसकी संरचना में अधिक शीतोष्ण जलवायु की आवश्यकता नहीं होती है | वैसे ओरल में लाइसेंस के लिए नहीं होता है | इसके लिए मूलतः 500 से 625 मिमी वर्षा की आवश्यकता होती है | चंदन के लिए 35 डिग्री से अधिक तथा न्यूनतम 15 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है इसके उपाय से अधिक धूप को आसानी से सहन कर सकते हैं|

चंदन की उन्नत किस्में

लाल चंदन

इस मित्र के चंदन को रक्त चंदन के नाम से भी जाना जाता है | लाल चंदन के प्रमाणित में शामिल चंदन की खुशबु नहीं आती है | चंदन की यह कारीगरी मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों में पाई जाती है, जिसे कोलोन, दवा, घर की सामग्री और सजावटी सामान बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है | यह पूर्ण विकसित पौधा चंदन के उपाय से कम लागत होती है |

वाइट चंदन

इस दुकान में चंदन की लकड़ी का रंग होता है, इसे मुख्य रूप से व्यावसायिक उपयोग के लिए बेचा जाता है जिस कारण से व्हीट चंदन की लकड़ी ज्यादा खुशबु वाली होती है, जिसकी वजह से व्हीट चंदन की कीमत काफी ज्यादा होती है | इसे तेज़, दवा, साबुन, कोलोन और चंदन तेल जैसे ग्लूकोस बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है इसका पूर्ण विकसित पौधा 15 मीटर से अधिक मीटर हो सकता है |

चंदन के खेत की तैयारी और उर्वरक ( चंदन के खेत की तैयारी और उर्वरक)

चंदन की खेती करने से पहले उसके खेत को अच्छी तरह से तैयार किया गया | इसके लिए सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से गहरी जुताई कर दी जाती है, इस खेत में मौजूद पुरानी फसलों के ढांचे पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं | जुताई के बाद खेत को कुछ समय के लिए ऐसे ही खुला छोड़ दिया जाता है | इससे बाद खेत में पानी डालकर पलेव कर ले| पलेव के बाद रोटावेटर लगाए के खेत में दो से तीन तिरछी जुताई कर दी जाती है | इसके बाद खेत में नारियल की मरम्मत के लिए गड्डो को तैयार किया जाता है| यह गड्डे 10 फीट की दूरी पर 2 फीट गहराई और 3 से 4 फीट की दूरी पर होना चाहिए |

इसके बाद इन गद्दो में मिट्टी के साथ गोबर की खाद को अच्छा से पूरा भर दिया जाता है | यदि आप गोबर की खाद के स्थान पर जैविक खाद का भी उपयोग कर सकते हैं | इसकी पुष्टि के लिए रासायनिक खाद की आवश्यकता नहीं है | चंदन का पौधा पोषक तत्त्व को प्राप्त करने के लिए अन्य अनुमोदित पदार्थों की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए इस रसायन को विशेष पोषक तत्वों की आवश्यकता नहीं होती है। इसके उपचार सिरिस, नागफनी, हार्ड और नीम के नुस्खे से स्वयं का भोजन, पानी और खनिज तत्वों को ग्रहण किया जाता है | इसलिए इसकी खेती में इस तरह के प्रोटोकॉल को जरूर शामिल करें | खाद के रूप में 5 से 10 KG गोबर की मात्रा मिट्टी में अच्छी से लेकर बड़ी मात्रा में मिलती है | इस वर्ष में दो बार अवश्य दें खाद चंदन का लाइसेंस |  

चंदन के पौधे लगाने का सही समय

चंदन के नारियल के बीज और पौध दोनों एक ही रूप में मिलते हैं | चंदन के नारियल के छिलके के लिए पौध का उपयोग करना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि बीज के रूप में बीज के अंकुरण में दो से तीन महीने का अधिक समय लग सकता है | इसे प्रमाणित करने के लिए आप किसी भी सरकारी रजिस्टर्ड एग्रीमेंट से खरीद सकते हैं।

चंदन के अस्पताल का विकास ठीक उसी समय होता है जब बारिश का मौसम होता है, इसलिए इस दौरान अस्पताल का विकास ठीक से होता है अगर आप दाग तो ठीक बारिश के मौसम से पहले भी पा सकते हैं |

चंदन के बागानों की सिंचाई ( चंदन के पौधों की सिंचाई)

चंदन के अस्पताल को अधिक चयन की आवश्यकता होती है | इसलिए इसका पौधा बारिश के मौसम में मिलता है | बारिश के मौसम में इसी तरह की सीलिंग की जरूरत होती है | समुद्र तट पर समुद्र तट पर दो से तीन दिन तक पानी दे | इसके अलावा रियलमी के सीज़न में सप्ताह में एक बार की गारंटी अवश्य लें |  

सहायक फसलें ( सहायक फसलें)

चंदन के पौधे को तैयार होने में 12 से 15 साल का समय लगता है | इस दौरान चंदन के अधिकृत मध्यस्थ दलहन या बागान फ़सल ओबीकर को अतिरिक्त आय की प्राप्ति हो सकती है कौन सा किसान भाई को आर्थिक अर्थशास्त्र से नहीं रिया |  

चंदन के पौधे खरपतवार नियंत्रण ( चंदन के पौधे खरपतवार नियंत्रण)

चंदन के चिप्स को आतिशबाजी में ही उतारना जरूरी है, इसलिए शुरुआत में खेत में ही नारियल के छिलके उतारकर उसकी गुड़ाई कर दे | इसके अलावा चंदन के अनुमोदित को जंगली से बचाया जाता है | इसलिए खेत में जंगली पौधे न उगने दे |  

चंदन के औषधीय पौधों के रोग एवं रोकथाम

चंदन के प्रमाणित पर न के बराबर ही रोग देखने को मिलता है, लेकिन कुछ रोग ऐसे होते हैं, जो चंदन के प्रमाणित को अधिक प्रभावित करते हैं | इसमें संक्रामक वानस्पेटिक और सैंडल स्पाइक नामक रोग रहस्य पूर्ण और अधिक खतरनाक है | इस रोग से बचाव के लिए अभी तक कोई उपचार साबित नहीं हुआ है | इस रोग से प्रभावित औषधि ऐकर छोटी होती है, जिससे विषाणु रूप ले लेता है |

इस रोग की रोकथाम के लिए चंदन के अनुमोदित के दायरे में ही नीमा के अनुमोदित को शामिल किया गया है इससे औषधीय भोजन भी प्राप्त होता है, और बीमारी का खतरा भी कम हो जाता है |

चंदन के औषधीय की कटाई , निर्माण और लाभ (चंदन के पौधों की कटाई, उपज और लाभ)

चंदन के दस्तावेज तैयार होने में 12 से 15 साल का समय लगता है। इसका पौधा पुराना होता है, ग्रेड अच्छा ही होता है | इसके पेड़ की कटाई करके उसे जड़ से उखाड़ लिया जाता है | इसके बाद इसकी डिज़ाइन का आधार बताया गया है | चंदन की कटाई से पहले सरकार से मिशन होता है | इसके अतिरिक्त यदि आपकी प्रयुक्त पेड़ की चोरी हो जाती है, तो उसके लिए आप पुलिस में शिकायत भी कर सकते हैं | चंदन के दस्तावेज़ को तैयार करने में अधिक समय लगता है, इंडोनेशिया के मामले में यह सबसे अच्छा होता है |

चंदन के एक विकसित पेड़ से 20 से 30 किलोग्राम की लकड़ी प्राप्त होती है, और एक नारियल के खेत में 400 रॉकेट तैयार किये जा सकते हैं | चंदन की लड़की का बाज़ारी भाव 6 से 12 हज़ार प्रति KG है | जिससे किसान भाई 20 KG के एक पेड़ से 12 से 15 बार में 1 से 2 लाख तक की कमाई आसानी से कर सकते हैं, और एक पेड़ में तैयार 400 KG के एक पेड़ से 5 से 8 करोड़ की कमाई कर करोड़पति बन सकते हैं | 




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